किसी पर आंखें बंद करके भरोसा करोगे तो बदले में धोखा मिल सकता है

अगर कोई गुनहगार है तो वो हैं उमीदें क्योंकि इंसान को इंसान नहीं बल्कि उससे ज्यादा उम्मीदें धोखा दे जाती हैं

किसी की मजबूरी का मजाक मत बनाओ क्योंकि यह ज़िन्दगी में साहब कभी मौका देती है तो कभी धोखा

अगर आप किसी को दिखाने के लिए कुछ कर रहे हो तो आप खुद को धोखा दे रहे हो

शतरंज की चालों से अनजान थी शायद इसलिए धोखा खा गई। वो चाल चलते रहे और मैं रिश्ते निभाती रही

बहुत कुछ सोचना पड़ता है बोलने से पहले, क्योंकि यह दुनियां अब दिल से नहीं बल्कि दिमाग से रिश्ते निभाती है

रिश्ता संभालने के लिए ही झुकती रही , और लोग इसे मेरी औकात समझ बैठे

जो जैसा है वो वैसा दिखाई नहीं देता, कहीं धोखे में आखें हैं तो कहीं आखों में धोखा है

पीठ हमेशा मजबूत रखो क्योंकि, शाबाशी और धोखा पीछे से ही मिलते हैं