बेलिबास
आए थे इस दुनिया में
गालिब
, सिर्फ एक
कफन
के लिए इतना सफर कर गये.
अगर
बेवफा
होते तो
भीड़
में होते, वफ़ादार हैं इसलिये
अकेले
हैं.
एक
मुर्दे
ने क्या खूब कहा है, ये जो
मेरी मौत
पर
रो
रहें हैं, अभी
उ
ठ जाऊ
तो जीने नही देगें.
आज
गुमनाम
हु तो फ़ासला रख मुझसे, कल फिर
मशहूर
हो जाऊँ तो कोई रिश्ता निकाल लेना
लाख
मिठास
सही तेरे
लहजे
में, लेकिन तेरा औरों से बात करना
जहर
लगता है
हाल ऐसा है मेरा कि
तेरे
ही गले लगकर तेरी ही
शिकायत
करनी है तुझसे
काश
अगर मिलती मुझे दो दिन की
बादशाही
कसम ख़ुदा की तेरी
तस्वीर
के सिक्के चला देता
जिंदगी
उसकी जिसकी मौत पर जमाना
अफसोस
करे ग़ालिब यूं तो हर शख्स आता है इस
दुनिया
में मरने के लिए
अपने
वो नहीं जो
तस्वीर
में साथ दिखे, अपने वो है जो
तकलीफ़
में साथ दीखें
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