आपकी
सहमति
के बिना कोई आपको
हीन
महसूस नहीं करवा सकता है
अभिमान
किसी को ऊपर उठने नहीं देता, और स्वाभिमान किसी को नीचे
झुकने
नहीं देता
दुनिया में हर चीज की
कद्र
होनी चाहिए, चाहे वो इंसान हो, पैसा हो या कोई और चीज, क्योंकि जहां
इज्जत
नहीं वहां धीरे-धीरे सब कुछ चला जाता है
अपने
स्वाभिमान
के लिए किसी और पर निर्भर न रहें। स्वीकार करें कि आप कौन हैं, इसलिए नहीं कि किसी और को लगता है
बल्कि
इसलिए क्योंकि आपको लगता है
कभी भी
दूसरों
से अपनी तुलना मत करो। आप जो भी हैं सर्वश्रेठ हैं ;
ईश्वर
का प्रत्येक निर्माण सर्वश्रेठ है
अभिमानी
व्यक्ति
अपनी तुलना में सब को तुछ समझता है जबकि स्वाभिमानी व्यक्ति
सबको
बराबर समझता है
अपने आपको
कभी
ऐसा मत बनाओ की कोई तुम्हारी ज़िन्दगी से
खेल
कर चला जाये
यदि खुद को
इज्जत
प्यारी है तो दूसरों की भी मत
उछाला
करो
अहंकार
नकारात्मक है लेकिन स्वाभिमान सकारात्मक है
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