जाने ताजमहल के 22 बंद कमरों के पीछे का रहस्य

जब भी आप आगरा गए होंगे यकीनन कई बार ताजमहल का दीदार किया होगा, लेकिन आज आप 22 बंद कमरों से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे।

इतिहास के अनुसार मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए बनवाई थी। सफेद संगमरमर से बना यह खूबसूरत मकबरा दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इस शानदार वर्ल्ड हेरिटेज साइट को बनने में लगभग 22 साल लगे थे।

ताजमहल के बारे में जानें ?

इसका निर्माण इस तरह से इसलिए किया गया था ताकि भूकंप जैसी किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मीनारों के गिरने से मुख्य मकबरे (गुंबद) को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।

भूकंप का नहीं होगा असर

ताजमहल सुबह के समय गुलाबी, शाम को दूधिया सफेद और चांदनी में सुनहरा दिखाई देगा। अगर आप कभी ताजमहल देखने गए हैं, तो आपने शायद इस पर गौर किया होगा।

बदलता है रंग

कई इतिहासकारों के अनुसार ताजमहल के ये कमरे कई दशकों से बंद है और इन कमरों को आखिरी बार 1934 में खोला गया था। ताजमहल के मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे 22 कमरे हैं, जिसका दीदार अब तक किसी ने नहीं किया है।

बंद कमरों की कहानी

इतिहासकारों के अनुसार ताजमहल की दीवारों को नुकसान से बचाने के लिए बेसमेंट को बंद कर दिया गया है। कई रिसर्च के अनुसार यह दावा किया गया है कि जब बेसमेंट में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, तो वो कैल्शियम कार्बोनेट में बदल सकती है।

बेसमेंट को बंद करने का तर्क

संगमरमर से बना ताजमहल मुख्य तौर पर इस्लामी, तुर्की और फारसी वास्तुशिल्प कलाओं का प्रतिनिधित्व करता है। पर क्या आपको ताजमहल के बंद 22 कमरों के पीछे की कहानी के बारे में पता है, अगर नहीं, आइए जानते हैं।

फारसी वास्तुशिल्प कला

कई इतिहासकारों का मानना है कि इन बंद कमरों में कई हिंदू मूर्तियां और शिलालेख मौजूद हैं। इसलिए याचिकाकर्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इजाजत मांगी है कि वे ताजमहल के अंदर 22 कमरे खोलें, जिससे ये मालूम चल सके कि वहां हिंदू मूर्तियां और शिलालेख हैं या फिर नहीं।

क्या कहता है भारतीय पुरातत्व विभाग

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