कई इतिहासकारों के अनुसार ताजमहल के ये कमरे कई दशकों से बंद है और इन कमरों को आखिरी बार 1934 में खोला गया था। ताजमहल के मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे 22 कमरे हैं, जिसका दीदार अब तक किसी ने नहीं किया है।
कई इतिहासकारों का मानना है कि इन बंद कमरों में कई हिंदू मूर्तियां और शिलालेख मौजूद हैं। इसलिए याचिकाकर्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इजाजत मांगी है कि वे ताजमहल के अंदर 22 कमरे खोलें, जिससे ये मालूम चल सके कि वहां हिंदू मूर्तियां और शिलालेख हैं या फिर नहीं।