हिंदू पंचांग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस साल किस जन्माष्टमी की सही तारीख को लेकर अगर आप भी परेशान हैं, तो आइए जानें जन्माष्टमी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त के बारे में -
8 सितंबर को सूर्योदय के बाद सुबह पारण कर सकते हैं। साथ ही जन्माष्टमी के दिन मंदिरों में फूल, तुलसी, दूब, माखन, मिश्री सहित पालना से पूजा करने पर निश्चित ही मनोकामना पूर्ण हो सकती है।
पारण कब करें
व्रत सभी को 6 सितंबर को ही व्रत रखना होगा। जो महिलाएं जन्माष्टमी का अष्टमी का व्रत करती हैं, उन महिलाओं को अगले दिन 7 सितंबर को अष्टमी का व्रत करना होगा।
जन्माष्टमी का व्रत कब रखें
इस दिन भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए आप उनके बाल स्वरूप की सेवा करें। इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।
करें कृष्ण जी की सेवा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं। भगवान कृष्ण की विशेष कृपा पाने के लिए लोग उपवास करते हैं।
जन्माष्टमी का महत्व
इस साल जन्माष्टमी की दो तिथियां पड़ रही है। हिंदू पंचांग में कृष्ण पक्ष की जन्माष्टमी दिनांक 06 सितंबर दिन बुधवार के दिन शुरू होगी, जो अगले दिन दिनांक 07 सितंबर दिन गुरुवार तक चलेगी।
कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी तिथि की शुरुआत दिनांक 06 सितंबर दिन बुधवार को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 07 सितंबर दिन गुरुवार को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर होगा। वहीं जन्माष्टमी पर मध्यरात्रि पूजा का समय रात 12 बजकर 02 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
आप भी जन्माष्टमी का व्रत इस शुभ घड़ी में रख सकते हैं। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। ट्रेवल से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें