इस शायरी को उन लोगों को जरूर भेजें जिन्हें आपके प्यार की कद्र नहीं है।
वो मेरा नहीं था , इस बात की मुझे खबर नहीं थी
मैं पूरी उसकी थी , इस बात की उसे कदर न थी!!
कदर करो उसकी जो तुम्हे दिल से चाहता है
हसीन चेहरे पर तो हर जवां दिल फ़िदा होता है!!
सोच रही हु सीख ले हम भी बेरुखी करना
अपनी कदर खो दी हमने सब को इज्जत देते देते!!
तुम्हारी यादों से भर गया है ये दिल,
अब तो बस तुम्हारे बिना है तन्हा ये जीवन
दर्द की जुबान होती तो बना कर देते,
पर ये दर्द और बढ़ गया है, अब तो बस सह लेते हैं
कुछ लोग मुझे
अपना कहा करते थे साहब !
सच में वो लोग सिर्फ कहा ही करते थे !!
जो बातें पी गई थी मै
वो बातें खा गयी मुझको
महल मेरा रेत का बनवाते हो, और पता बारिश को देते हो!!
सबकुछ पा लिया तुमसे इश्क़ करके
बस कुछ रह गया वो तुम ही थे
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