इस सामग्री के बिना अधूरी है नवरात्रि की पूजा

चैत्र नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। इन दिनों भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं, उनका लाल रंग से श्रृंगार करते हैं। उनकी पूजा- अर्चना करते हैं। लेकिन, पूजा से पहले उसमें चढ़ने वाली सामग्री के बारे में जान लें जिसके बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है-

मां के श्रृंगार की सामग्री

मां के 16 श्रृंगार में बिंदी, सिंदूर, मांग टीका, झुमके, नथ, काजल, मंगलसूत्र, लाल चुनरी, लाल चूड़ी, मेहंदी, बाजूबंद, हाथफूल, कमरबंद, पायल और बिछिया सामग्री शामिल है।

अखंड ज्योति के लिए

नवरात्रि में 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलाने के लिए दीप, घी, तेल, मौली, रुई, अष्टदल जैसी सामग्री की जरूरत होती है।

घट स्थापना सामग्री

घट स्थापना में भूसी, भूरा नारियल, कुछ आम के पत्ते या पान के पत्ते, हल्दी, कुमकुम, चंदन, अक्षत, जल, सिक्के, लाल कपड़े, पुष्प, कलश से बड़ी मिट्टी की थाली, नव धन्या की जरूरत होती है।

इस धातु का कलश न लें

कलश स्थापना के समय स्टील या प्लास्टिक के कलश का इस्तेमाल न करें। ये अशुभ माना जाता है। इससे मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं।

हवन के लिए

नवरात्रि की पूजा समाप्ति के समय हवन करने के लिए विशेष सामग्री की जरूरत होती है। इसमें हवन कुंड और हवन के लिए आम की समधिया शामिल है।

कलश स्थापना की सामग्री

कलश स्थापना के लिए कलश की चांदी की जरूरत होती है। इसके अलावा आप तांबा, कांस्य, पीतल या चांदी के कलश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर आप भी मां दुर्गा के भक्त हैं और नवरात्रि की पूजा करते हैं तो, इस पूजा सामग्री को जरूर शामिल करें। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें moodylines.com