रमज़ान आने वाले हैं और यकीनन सभी मुसलमान लोग तैयारियों में लगा गए हैं लेकिन क्या आपको पता है कि रमज़ान क्यों और कैसे मनाया जाता है? अगर नहीं, तो आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं रमज़ान के महीने से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।
रमज़ान के महीने से जुड़े रोचक तथ्य -
क्या आपको पता है कि पैंगम्बर के मुताबिक रमजान के महीने का पहला अशरा (दस दिन) रहमत का होता है, दूसरा अशरा मगफिरत का माना जाता है और तीसरा अशरा दोज़ख से आजादी दिलाता है।
कुरान हुआ था नाजिल
रमज़ान मुस्लिम धर्म का एक मुबारक महीना है, जो इस्लाम की पांच बुनियादों यानि स्तंभों में से एक है जैसे- पहला कलमा, नमाज़, ज़कात, रोज़ा और हज आदि। साथ ही, इस्लामिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने में मुसलमानों की प्रमुख किताब यानि कुरान भी पैगंबर मोहम्मद पर नाज़िल हुआ था।
कौन-कौन रख सकता है रोज़ा ?
मुसलमानों पर रोज़ा रखना फर्ज़ है लेकिन मुस्लिम ग्रंथों के अनुसार लोग 7 से 8 साल की उम्र के बाद रोज़ा रखना शुरू करते हैं। रोज़ा रखने के लिए सभी लोग सहरी (फजर की अज़ान से पहले) से लेकर शाम यानि इफ्तार तक भूखे रहते हैं और न कुछ खाते हैं न पानी पीते हैं।
रमज़ान क्या है ?
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमज़ान एक महीने का नाम है, जो शाबान के महीने के बाद आता है। इस्लामिक कैलेंडर में यह महीना आठ महीने के बाद यानि नौवें नंबर पर आता है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि महीने की तारीख हर साल चांद के हिसाब से बदलती रहती है।
रमज़ान के अंत में क्या होता है ?
रमज़ान के महीने के आखिर में 'ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद मनाई जाती है, जो पूरे 30 दिन रोज़े रखने के बाद आती है। इसलिए यह मुसलमानों का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है।
ज़कात देना है फर्ज़
रमज़ान के महीने में तमाम मुस्लिम लोग ज़कात देते हैं। बता दें कि ज़कात का मतलब अल्लाह की राह में अपनी आमदनी से कुछ हिस्सा गरीबों में देना होता है।
दावा नहीं खानी चाहिए
जैसा कि आप सभी को पता है कि रोज़ा रखने के बाद कुछ भी खाना जैसे पानी पीना, चाय पीना या फिर खाना खाना आदि माना है। लेकिन क्या आपको पता कि रोज़ा रखने के बाद दवा खाना भी माना है
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